जिंदगी की राहें हमेशा आसान नहीं होतीं, कभी–कभी हमें अकेले ही मंजिल तक जाना पड़ता है।
कविता “Chal Pada Akela” ऐसी ही हिम्मत और आत्मविश्वास की कहानी है — जहाँ इंसान बिना किसी सहारे के भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है।
यह कविता बताती है कि जो अकेले चलने की हिम्मत रखता है, वही भीड़ से आगे निकलता है।
चल पड़ा अकेला…………

जीत जायेंगे हम
अकेले हैं तो क्या
मंजिल को पायेंगे
अकेले हैं तो क्या
आज बहुत अंधेरा हैं
समय ने हमें घेरा हैं
कोई साथ चलने को तैयार नहीं हैं
बड़े लक्ष्य की प्राप्ति
अकेले चलकर ही होती हैं
चांदनी तारों से नहीं
चाँद से होती हैं
अकेले हैं तो क्या
न इंतजार करेंगे किसी का
अकेले हैं तो क्या
अकेला हूँ
पर समय से भी डरता नहीं हूँ
आज केवल अकेला ही
चल पड़ा हूँ मंजिल पर
पीछे देखना मुझे आता नहीं
अकेले हैं तो क्या………..
सुरेश के
सुर…………
Walked Alone…………

I will win.
So what if I am alone.
I will reach the destination.
So what if I am alone.
It’s very dark today.
Time has surrounded me,
no one is ready to go along.
Achievement of big goals……..
It happens only
by walking alone.
Moonlight is from the moon
not from stars.
So what if I am alone,
won’t wait for anyone.
I am alone………….
‘But’
I am not afraid of time either.
Just alone today,
I am on my way to destination.
I don’t know
how to look back.
What if I am alone………
Suresh Saini
अकेले चलना मुश्किल जरूर होता है, लेकिन असंभव नहीं।
अगर आपको यह कविता “Chal Pada Akela” प्रेरणा देती है, तो इसे उन लोगों तक जरूर पहुँचाएँ जिन्हें आज थोड़ा हौसला चाहिए।
नीचे Comment में बताइए — क्या आपने भी कभी अकेले चलने का साहस दिखाया है?
आपकी कहानी किसी और के लिए motivation बन सकती है।
अगर आपको यह प्रेरणादायक कविता “Chal Pada Akela” पसंद आई हो, तो आत्मविश्वास और तैयारी पर लिखी एक और हौसला बढ़ाने वाली कविता “Karlo Khud Ko Taiyaar” भी जरूर पढ़ें — जो सिखाती है कि जब जिंदगी चुनौतियाँ देती है, तो खुद को मजबूत बनाना ही सबसे बड़ी जीत होती है।
