Best Hindi Poem on Kite (Patang) : Meri Patang............ - Poetry Blog
Meri Patang Hindi-English Poem on Kite

Best Hindi Poem on Kite (Patang) : Meri Patang…………

पतंग सिर्फ एक कागज की उड़ान नहीं, वो बचपन की आजादी और सपनों का प्रतीक है।
कविता “Meri Patang” में वही मासूमियत और कल्पना झलकती है — जब हवा साथी बन जाती है और डोर पर विश्वास हमें ऊँचाइयों तक ले जाता है।
इस कविता में कवि ने पतंग को एक दोस्त, एक साथी की तरह देखा है, जो उड़ते हुए भी अपने धागे से जुड़ी रहती है — जैसे इंसान अपने मूल से।
यह कविता बचपन, कल्पना और जीवन की सादगी को बड़ी ही प्यारी तरह से बयां करती है।

मेरी  पतंग…………
Meri Patang Hindi-English Poem on Kite
ऐ  पतंग

तू  चल  मेरे  संग

मैं  बाँधु  तुझे  डोर

घूमें  आसमान  में  चारों  ओर

कभी  इस  छोर

तो  कभी  उस  छोर

हवा  भी  लगाएगी  अपना  जोर

मैं  दूंगा  तुझे  लम्बी  डोर

हवा  से  बातें  करेंगे

चारों  दिशाओं  में  घूमेंगे

कभी  आड़े  कभी  तिरछें  खेंच  लगाएंगे

मैं  दूंगा  तुझे  ठुमकी

और  तू  इठलाएगी

सारे  दिन  सैर  करेंगे

जब  तू  थक  जाएगी

मैं  धीरे – धीरे

तुझे  फिर  से  खेंच  लूंगा  अपनी  ओर

ऐ  पतंग

तू  चल  मेरे  संग………..

सुरेश  के
सुर………..



My Kite…………
Meri Patang Hindi-English Poem on Kite

Oh! kite

You come with me.

I will tie you a string.

Roam around in the sky

ever this end to that end.

Even the air will exert its force.

I will give you a long string,

talk to the wind,

roam in all directions.

Sometimes we will pull right

and sometimes left.

I will give you a dance

and you will flaunt.

We will walk all day.

When you get tired,

I slowly pull you

towards me again.

Oh! kite

You come with me………..

                  Suresh Saini

जिंदगी की तरह ही पतंग भी कभी ऊपर जाती है, कभी नीचे — पर उड़ना नहीं छोड़ती।
अगर आपको यह कविता “Meri Patang” पसंद आई हो, तो इसे उन लोगों के साथ Share करें जिन्हें आसमान छूने का सपना देखना अच्छा लगता है।
ये कविता आप को कैसी लगी Comment में जरूर बताएं।


अगर आपको यह खूबसूरत कविता “Meri Patang” पसंद आई हो, तो जिंदगी को खुलकर जीने का संदेश देती हुई एक और प्रेरणादायक कविता “Jee Lo Jindagi” भी जरूर पढ़ें — जो सिखाती है कि जीवन भी एक पतंग की तरह है, बस डोर अपने हाथों में रखनी चाहिए और उड़ान कभी नहीं रोकनी चाहिए।


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