Motivational Hindi Poem : Kyon Tu Virakt Ho Gaya Hai.......... - Poetry Blog
Motivational Hindi Poem on Life

Motivational Hindi Poem : Kyon Tu Virakt Ho Gaya Hai……….

“क्यों तू विरक्त हो गया है” — यह एक प्रेरणादायक हिंदी कविता है जो जीवन में हिम्मत हार चुके, ठहराव महसूस कर रहे या भीतर से खालीपन झेल रहे लोगों पर लिखी गई है। यह कविता उस व्यक्ति से संवाद करती है जो अपने अंदर की आग को बुझा बैठा है, अपने खून में जोश को महसूस नहीं कर पा रहा है। शब्दों के माध्यम से यह रचना उस सोए हुए जुनून को जगाने, आत्मबल को पहचानने और फिर से जीवन में ऊर्जा भरने का आह्वान करती है। यदि आप अपने जीवन में ठहराव या निराशा का अनुभव कर रहे हैं, तो यह कविता आप को फिर से जीवंत करने का काम करेगी।

क्यों  तू  विरक्त  हो  गया  हैं……….
Motivational Hindi Poem on Life
विरक्त  हो  गया  हैं

क्यों  तेरा  रक्त  ‘सो’  गया  हैं

बिन  पाए  ही  कुछ

क्यों  जीवन  से  तू  आश्वस्त  हो  गया  हैं

जगा  जीवन  में  आसक्ति  तू

पहचान  अपनी  शक्ति  को  तू

विरक्त  हो  गया  हैं

क्यों  तेरा  रक्त  ‘सो’  गया  हैं

तुझे  विरक्ति  चाहिए

तू  थोड़ी  देर  ‘सो’  जा

पर  गर्म  सांसों  में  ‘खो’  जा

अपने  रक्त  को  तू  उबाल  लेने  दे

आँखों  में  फिर  सपनों  को  तैरने  दे

फिर  देख  कैसे

जीवन  में  नव  संचार  हो  गया

विरक्त  हो  गया  हैं

क्या  अब  भी  तेरा  रक्त  सो  गया  हैं……..

सुरेश  के
सुर………



Become loosed………..
Motivational Hindi Poem on Life

Have become loosed.

Why has your blood

gone to sleep……….

Without getting anything.

Why have you become

convinced of life……….

Awaken the passion in life.

Recognize your power.

Have become loosed.

Why has your blood

gone to sleep………..

You need detachment.

You go to sleep for a while

but get ‘lost’ in the hot breaths.

Let your blood boil.

Let the dreams float in your eyes.

Then see……….

There has been a new infusion in life.

Have become loosed.

Is your blood still asleep………

                             Suresh Saini

इस कविता “क्यों तू विरक्त हो गया है” के माध्यम से एक गहरी बात कही गई है — कि जीवन में ठहराव, निराशा या थकान आना स्वाभाविक है, लेकिन वहीं रुक जाना हमारी आत्मा की ताकत को कमजोर करता है। यह कविता हमें याद दिलाती है कि हर इंसान के अंदर एक ऐसी शक्ति छिपी है जो उसे फिर से खड़ा कर सकती है, जोश से भर सकती है। बस जरूरत है उस सोए हुए “रक्त” को जगा देने की, अपने भीतर की ऊर्जा को पहचानने की।
तो अगर कभी ऐसा लगे कि सब थम गया है — तो इस कविता को फिर से पढ़िए, और खुद से पूछिए: “क्या अब भी तेरा रक्त सो गया है?”
अगर इस कविता ने आपको Motivate किया है तो इसे Share करना न भूले। 


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