जिंदगी के हर मोड़ पर पैसा अपना रंग दिखाता है — कभी खुशी देता है, तो कभी अपनों से दूर कर देता है। “पैसा चीज ही ऐसी है” एक गहरी और व्यंग्यपूर्ण हिंदी कविता है जो पैसे के जादू और उसके प्रभाव दोनों को सामने लाती है। यह कविता हमें सोचने पर मजबूर करती है — क्या पैसा सच में सब कुछ है या सिर्फ एक जरूरत?
पैसा चीज ही ऐसी हैं………..

पैसा चीज ही ऐसी हैं
जितना हो, उतना कम
पैसा चीज ही ऐसी हैं
अगर किसी पे मेहरबान हो जाए
तो सारी दुनिया गुलाम बन जाती हैं
और अगर पैसा रूठ जाए
तो दुनिया भी रूठ जाती हैं
पैसा चीज ही ऐसी हैं
प्यार – मोहब्बत, रिश्ते – नाते, वादे – कसमें
सब पैसे पे नाचते हैं
पैसा चीज ही ऐसी हैं
थोड़ा सहमत हैं इस बात से हम भी
पैसा सबकुछ नहीं होता
पर पैसा बहुत कुछ होता हैं
पैसा चीज ही ऐसी हैं………….
सुरेश के
सुर………….
Money is such a thing………

Money is such a thing…….
The more it is, the less it is.
Money is such a thing……..
If money is favouring
to someone.
So the whole world
becomes slave.
And if the money gets upset.
So the whole world
also gets upset.
Money is such a thing………
Love – affection,
relationships – affiliations,
promises – vows.
Everything dances on money.
Money is such a thing……..
I also agree with this
a little…………..
Money isn’t everything.
But money means many things.
Money is such a thing…………
Suresh Saini
यह कविता पैसे की असली तस्वीर पेश करती है — जहाँ रिश्ते, मोहब्बत और जिंदगी के मूल्य उसके आगे झुकते नजर आते हैं। अगर आपको “पैसा चीज ही ऐसी है” कविता पसंद आई हो, तो इसे Share करें और Comment में बताएं — आपके लिए पैसा कितना जरूरी है?
अगर आपको “पैसा चीज ही ऐसी है” कविता पसंद आई हो, तो इसी विषय पर लिखी एक और सोचने पर मजबूर करने वाली कविता “सबको पैसा चाहिए…” जरूर पढ़ें — जो बताती है कि हर किसी की जिंदगी में पैसे की चाहत किस तरह घर कर चुकी है।
